बैठक की अध्यक्षता प्रखंड समन्वयक अखिलेश प्रसाद और पर्यवेक्षक मुन्ना कुमार ने की, और इसमें पूर्व मुखिया संघ के अध्यक्ष चुन-चुन सिंह, स्वच्छता कर्मी शिवनाथ यादव, हरदुन मांझी, झक्कड़ राम, भूलन पटेल, विरेन्द्र यादव सहित सभी वार्ड सदस्य भी उपस्थित थे।
बैठक में स्वच्छता के महत्व पर विशेष चर्चा की गई। पूर्व मुखिया संघ के अध्यक्ष चुन-चुन सिंह ने स्वच्छता कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि "स्वच्छता सिर्फ प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। स्वच्छता पर्यवेक्षक और कर्मी ग्रामीणों के बीच जाकर उन्हें अपने गांव को साफ-सुथरा रखने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, उन्हें यह भी बतलाएं कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें, क्योंकि यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है।"
चुन-चुन सिंह ने आगे कहा कि "ग्रामीणों को यह समझाना जरूरी है कि कचड़ा प्रबंधन कैसे किया जाए। सूखा कचड़ा को नीले डस्टबीन में और गीला कचड़ा को हरे डस्टबीन में डालने से पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है।" उन्होंने यह भी बताया कि कचड़े का सही तरीके से प्रबंधन करना न सिर्फ स्वच्छता को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का भी अवसर मिलेगा।
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि डब्लूपीयू पर बर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर कचड़े का पुनः प्रयोग हो सके और उसका लाभ भी ग्रामीणों को मिल सके। बर्मी कम्पोस्ट एक जैविक खाद है, जिसे कचड़े से तैयार किया जाता है और इसका उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में किया जाता है।
साथ ही, हर घर से कचड़ा उठाने के बाद महीने के अंत में 30 रुपये की वसूली करने का प्रस्ताव भी रखा गया। यह वसूली कचड़ा उठाने और उसके उचित निस्तारण के लिए किया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
स्वच्छता कर्मियों ने अपनी भूमिका को लेकर भी अपनी राय रखी। शिवनाथ यादव, हरदुन मांझी और अन्य कर्मियों ने बताया कि इस प्रकार की बैठकें उन्हें अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गांव के लोग कचड़ा प्रबंधन के महत्व को समझेंगे तो स्वच्छता अभियान की सफलता में कोई कमी नहीं रहेगी।
बैठक के समापन पर प्रखंड समन्वयक अखिलेश प्रसाद ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि स्वच्छता को लेकर सभी का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति में सुधार लाने के लिए हर किसी को मिलकर काम करना होगा।
इस बैठक के बाद अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी स्वच्छता कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का कार्य करें, और साथ ही ग्रामीणों को कचड़ा प्रबंधन और स्वच्छता के बारे में शिक्षित किया जाए। इस अभियान के तहत गांवों में सफाई व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर गांव और हर घर स्वच्छता के मानकों को पूरा करें।