मोतिहारी। फाइलेरिया एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो शारीरिक अपंगता का कारण बन सकती है। इस बीमारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए, जिले के जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय और समाजसेवी शशि भूषण राय (गप्पु राय ) ने सभी पंचायती राज के चुने हुए प्रतिनिधियों और आमजन से अपील की है कि वे इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाएं और आगामी एमडीए कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लें। ममता राय और शशि भूषण राय ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है, और इसका संक्रमण धीरे-धीरे शरीर में फैलता है, जिससे शुरुआती लक्षणों का पता चलने में 10 से 15 साल लग सकते हैं। इस दौरान बीमारी हाथी पाँव (एलिफैंटियासिस) जैसे गंभीर रूप में विकसित हो जाती है, जिसे ठीक करना संभव नहीं होता। जिले में वर्तमान में करीब 8,000 लोग फाइलेरिया से पीड़ित हैं, जिनमें 6,717 लोग हाथी पाँव और 1,274 लोग हाइड्रोसिल (जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव है) से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए 10 फरवरी से शुरू हो रहे एमडीए कार्यक्रम के तहत सभी लोगों को दवा का सेवन करना अनिवार्य होगा। इस अभियान में आशा दीदी, आंगनवाड़ी सेविका और स्वयंसेवी दवा वितरण कार्य में सहयोग करेंगे। साथ ही, सभी वार्ड सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों के स्कूलों में दवा खाकर इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे, ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और लोग दवा का सेवन करें। ममता राय और शशि भूषण राय ने कहा कि हालांकि फाइलेरिया से किसी की जान नहीं जाती, लेकिन यह बीमारी व्यक्ति को जीवनभर के लिए अपंग बना सकती है, जिससे उसकी कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सबका सक्रिय सहयोग बेहद जरूरी है। एमडीए कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी से ही हम फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी को जड़ से उखाड़ सकते हैं और समाज को इससे बचा सकते हैं।