मोतिहारी:-हरसिद्धि प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में सुहागिनों के द्वारा एक जगह एकत्र होकर बरगद के वृक्ष का पूजा कर धूमधाम से सोमवार को वट सावित्री पूजा मनाया गया। पन्नापुर रंजीत पंचायत के कोबेया, जोगिया, धनखरैया, हरसिद्धि के बाबूटोला कच्छेदवा, मटियरिया, मानिकपुर, गोविंदपुर आदि जगह पर महिलाओं को धूमधाम से पूजा करते हुए देखा गया। महिलाओं ने बरगद के वृक्ष की परिक्रमा करते हुए अपने पति की लंबी उम्र की आयु ईश्वर से मांगा। आचार्य नीरज मिश्र हसुआहा निवासी ने बताया है कि इस दिन स्त्रियां व्रत रखकर वट वृक्ष के पास पहुंचकर धूप-दीप नैवेद्य से पूजा करती हैं तथा रोली और अक्षत चढ़ाकर वट वृक्ष पर कलावा बांधती हैं। साथ ही साथ हाथ जोड़कर वृक्ष की परिक्रमा लेती हैं। जिससे पति के जीवन में आने वाली अदृश्य बाधाएं दूर होती हैं तथा सुख-समृद्धि के साथ लंबी उम्र प्राप्त होती है। कहा जाता है कि वटवृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पति व्रत की प्रभाव से मृत पड़े सत्यवान को पुनः जीवित किया था। तभी से इस व्रत को वट सावित्री नाम से ही जाना जाता है। इसमें वटवृक्ष की श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा की जाती है। महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य एवं कल्याण के लिए यह व्रत करती हैं। सौभाग्यवती महिलाएं श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी से अमावस्या तक तीन दिनों तक उपवास रखती हैं त्रयोदशी के दिन वटवृक्ष के पास पहुंचकर अपने अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घ आयु तथा सुख-समृद्धि के लिए संकल्प करना चाहिए। इस प्रकार संकल्प कर यदि तीन दिन उपवास करने की शक्ति न हो तो अमावस्या को उपवास कर प्रतिपदा को पारण करना चाहिए।