इसमें कई ग्रामीण चिकित्सकों ने भाग लिया। उन्हें बताया गया कि आपके यहां 15 दिन से ज्यादा समय के बुखार वाले मरीज हों तो उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजें. यहां उनकी जांच की जायेगी. जांच में अगर पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका इलाज किया जाएगा और इसके बदले में सभी ग्रामीण चिकित्सकों को प्रत्येक पॉजिटिव मरीज मिलने पर 500 रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा दी जाती है 7100 रुपये की राशि
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिरैया डॉक्टर श्याम पासवान ने बताया कि पीकेडीएल के केस में 84 दिनों तक दवा का सेवन जरूरी होता है, वहीँ भीएल होने पर इसका एक ही दिन में इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि कालाजार के मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का प्रावधान है। जिला से आए हुए पिरामल के प्रतिनिधि धीरेंद्र प्रसाद ने कालाजार के साथ-साथ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम पर भी चर्चा की। इस मौके पर डॉक्टर श्याम पासवान, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर, कैंप इंचार्ज, लैब टेक्नीशियन एवं पिरामल के पप्पू कुमार, अशोक कुमार, धीरेन्द्र कुमार व ग्रामीण स्वास्थ्य प्रदाता उपस्थित थे।