अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, बिहार द्वारा वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी के साथ कोरोना वैक्सीनेशन एवं टेस्टिंग को लेकर समीक्षा बैठक की गई। उन्होंने वैक्सीनेशन एवं टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने को कहा।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के सेकंड डोज पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि कोई व्यक्ति सेकंड डोज लेना ना भूलें।
वैक्सीनेशन ज्यादा से ज्यादा हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाए, विशेष रणनीति बनाकर शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया जाए। अपर सचिव ने टेस्ट को ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा कराने का निर्देश दिया। 45 वर्ष के ऊपर के लिए प्लान बनाकर वैक्सीनेशन कराया जाए 45 वर्ष के ऊपर के लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। अफवाहों को दूर किया जाए तथा लोगों को वैक्सीन लेने का प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि एंटीजन किट से टेस्टिंग के लिए प्राइवेट लैब को आदेश दिया गया है।इस पर विशेष नजर रखा जाए। रेंडमली स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जांच कराई जाए।
वीसी के तुरंत बाद जिलाधिकारी ने उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जिला में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यों की समीक्षा की। अभी जिला में वैक्सीनेशन के लिए 148 साइट कार्यरत है, जिसमें चलंत टीकाकरण दल घर- घर जाकर वैक्सीनेशन कर रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि चलंत टीकाकरण टीम द्वारा कम से कम प्रतिदिन दो सौ लोगों को वैक्सीनेशन किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि वहां पर लोग आकर वैक्सीनेशन करा सके।
लोगों को आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका, जीविका दीदी के द्वारा वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करे। जिलाधिकारी ने डीपीओ आईसीडीएस, डीपीओ जीविका , को निर्देशित किया कि अपने स्तर से इस कार्यों का मॉनिटर करें। जिलाधिकारी ने पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों (मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य) को भी टीकाकरण अभियान में शामिल किया जाए, ताकि जनप्रतिनिधि लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने पंचायती राज पदाधिकारी को निदेश दिया कि अपने स्तर से सभी जनप्रतिनिधियों को इस बारे में सूचित करे।
जिलाधिकारी ने कहा कि वैक्सीनेशन एवं टेस्टिंग में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन हो यह सुनिश्चित किया जाए। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन, सिविल सर्जन, डीपीओ आईसीडीएस, पंचायती राज पदाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।