मोतिहारी। अभी तक की सबसे बड़ी खबर यह आ रही है कि मोतिहारी नगर निगम की महापौर अंजू गुप्ता पर 30 से अधिक पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने निगम के उत्क्रमण का हवाला देकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विधि सम्मत नही होना बताया है।
नगर विकास विभाग द्वारा पार्षदों के प्रस्ताव को विधि सम्मत नही होने बताए जाने के बाद महापौर अंजू गुप्ता ने प्रेस को संबोधित किया इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझ पर गलत तरीके से लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विधि सम्मत ना होने के कारण सरकार द्वारा खारिज किया गया है।
इस दौरान उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा हमारे कई पार्षदों को योजना देने आदि के नाम पर गुमराह किया गया है। इसमें कुछ ऐसे लोग हैं जो खुद को किंग मेकर बताते हैं।
पार्षदों का उनसे नाराजगी के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पार्षदों को गुमराह किया गया है इसलिए पार्षद नाराज है लेकिन कोई भी पार्षद व्यक्तिगत रूप से हमसे नाराज नहीं है।
वहीं दूसरी ओर नगर निगम की महापौर अंजू गुप्ता पर लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रहे वार्ड नंबर 4 के वार्ड पार्षद गुलरेज शहजाद ने कहा की विभाग का दिशानिर्देश जो आया है उसका हम सम्मान करते हैं । इसके साथ ही उन्होंने विभाग के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि जिन बिंदुओं को लेकर विभाग ने इसको स्थगित किया है उसको आगे हम अपील करेंगे।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मुखरता से आवाज उठाने वाले वार्ड पार्षद अमरेंद्र सिंह ने कहा कि विभाग का जो निर्णय है वह विधि सम्मत निर्णय हैं उसकी हम सराहना करते हैं लेकिन वह मोतिहारी नगर परिषद पर लागू नही होता है। क्योंकि हम नगर परिषद से नगर निगम में गए हैं और हम उत्क्रमित की श्रेणी में आते हैं और यह नियम नव गठन पर लागू होता है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में न्याय सबके लिए है हम लोग जिस तर्क पर हैं वह तर्क सही है निश्चित रूप से हमें भी सफलता मिलेगी। श्री सिंह ने कहा कि विभाग में जो अपना गाइडलाइन जारी किया है वह भी सही है लेकिन विभाग का वह गाइडलाइन, जो नवगठित नगर परिषद है, नगर पंचायत है उसके लिए है। जबकि हमारा नगर परिषद पहले से गठित है। उन्होंने कहा कि विभाग का जो गाइडलाइन नवगठित के लिए ही होना चाहिए, उत्क्रमित के लिए नहीं होना चाहिए उस विषय को भी उत्क्रमित पर भी पत्र के द्वारा लागू कर दिया गया है जो सरासर गलत हैं।
मालूम हो कि मोतिहारी नगर परिषद (नगर निगम) के कुल 38 में से 30 से अधिक पार्षदों द्वारा नगर परिषद की चेयरमैन अंजू गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिसपर 2 तारीख को फ्लोर टेस्ट होना था। जिसको पहले ही नियमों का हवाला देते हुए महापौर द्वारा खारिज किया जा चुका था।
नगर पालिका प्रशासन निदेशालय के उप निदेशक द्वारा नगर परिषद (उत्क्रमित नगर निगम) के कार्यपालक पदाधिकारी मोतिहारी को लिखे गए पत्र के अनुसार कहा गया है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 12(8) एवं धारा 25(4) के प्रावधानों के तहत मुख्य पार्षद के विरुद्ध नगर परिषद से नगर निगम में उत्क्रमण के अधिसूचना दिनांक 3:03 2021 से 6 माह की अवधि तक अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना विधि सम्मत नहीं है
आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने महापौर की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नगर निगम में कभी किसी माह नियमित बैठक नहीं होती है और न ही शहर की साफ-सफाई की ही उन्हें चिंता रहती है।
इस कारण बारिश होते ही शहर के सभी नाले जाम हो जाते हैं, तो सड़कें जलजमाव से जलमग्न हो जाती हैं। साफ-सफाई के साथ शहर के विकास एवं सौंदर्यीकरण को लेकर गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। नगर निगम के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जिनपर अतिक्रमण है, लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।