संवाददाता: साबिर अली
मैनाटांड़ प्रखंड के इनरवा थाना क्षेत्र के कई पंचायतों में युवा अमीन में नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुए हैं। नौकरी लगाने का वादा कर उनसे रकम ले ली गई, और ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई। ऐसे ठगी के शिकार को देखते हुए संदेश के आधार पर कुछ युवक ने आवाज उठाई और ट्रेनर से उनकी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स मांग करने लगे। ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स नहीं होने के करण दोनों फर्जी ट्रेनर को बीडीओ के पास लेकर आए। बीडीओ पंकज कुमार ने बताया कि ट्रेनर से उनका ओरिजिनल करजात मांगा। उनके पास ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स एवं सरकारी या कोई संस्था द्वारा कागज ना होने की वजह से बीडीओ ने बिफरे। उन्होंने बताया कि दोनों ट्रेनर बच्चों को फर्जी का शिकार बना रहे हैं। आमीन में भर्ती होने के नाम पर ठगी का शिकार हो रहा युवक। भु-मापक (अमीन) तकनीकी प्रशिक्षण परियोजना के नाम यह संस्था चलाया जा रहा है, और बेरोजगार युवक से अवैध पैसा वसूली कर ट्रेनिंग देकर सरकारी नौकरी देने के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। बीडीओ पंकज कुमार के नेतृत्व में बच्चों से वसूली किया गया पैसा वापस कराया गया। बीडीओ ने दोनों ट्रेनर को सुधारने का एक मौका देकर उन्हें छोड़ दिया और बताया कि अगली बार है ऐसे गलती होती है तो फिर फर्जीवाड़ा में प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया जाएगा। इधर बता दे की युवकों ने बताया कि ट्रेनर ने कहा कि हम सरकार द्वारा आए हैं। अमीन का प्रशिक्षण देंगे। जिसका रजिस्ट्रेशन चार्ज 710 है और 45 दिन का ट्रेनिंग है। ट्रेनिंग पूर्ण होने के बाद, हर युवा को बिहार सरकार के द्वारा 6200 रुपए की महीना दी जाएगी। इस होड़ में मैनाटांड़ प्रखंड के अलग-अलग गांव से 400 बच्चों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। जिसका ट्रेनिंग सेंटर मैनाटांड़ अंचल के राजकृत उत्कर्मित उर्दू मध्य विद्यालय शाहपुर परसौनी को नियुक्त किया गया, जिसमें बुधवार को एक दिवसीय ट्रेनिंग भी दी गई। दूसरा ट्रेनिंग सेंटर मर्जदवा के मनरेगा भवन को नियुक्त किया गया था। जिसका ट्रेनिंग 3 मार्च से शुरू होने वाला था। जबकि दोनों ट्रेनिंग सेंटरों के बारे में किसी उच्च पदाधिकारी को सूचना नहीं थी। पूछताछ में पता चला कि मोतिहारी जिला के मधुबन निवासी अनुदेशक पद पर संदीप झा, जम्मुई के चक्काई निवासी मुकेंद्र कुमार, मोतिहारी मधुबन के शिवशंकर कुमार के रूप में पहचान के गई।