संवाददाता: साबिर अली
पश्चिम चम्पारण के बेतिया लौरिया थानांतर्गत दिल्ली, रक्सौल और बेतिया की 9 टीम ने सूचना के आधार पर संयुक्त कार्यवाही करते हुए ब्यासपुर चौक के दो आर्क्रेस्टा से 13 नाबालिग बच्चियों को अभिरक्षा में लेकर मुक्त कराया है। हालांकि इस कार्यवाही में संचालक फरार होने में सफल हो गए हैं।
आसाम एसएसबी के निरीक्षक मनोज शर्मा को सूचना मिली थी कि एक नाबालिग बच्ची गायब है और उसके बिहार के पश्चिम चम्पारण बेतिया में होने की सूचना मिल रही है। जिसको लेकर निरीक्षक ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग दिल्ली से सम्पर्क किया। जिसको लेकर आयोग के निर्देश पर मिशन मुक्ति फाउंडेशन और रेस्क्यू फाउंडेशन को सत्यापित करते हुए बच्ची को मुक्त कराने की जिम्मेदारी दी गई। जिसमें बच्ची के बेतिया लौरिया थानांतर्गत आर्क्रेस्टा में होने की पक्की सूचना प्राप्त हुई। जिसके पश्चात आयोग ने बेतिया पुलिस अधीक्षक उपेन्द्रनाथ वर्मा को पत्र लिखकर मुक्त कराने का निर्देश टीम के साथ सहयोग करने को दिया गया।
आयोग के द्वारा जारी किए निर्देश के आलोक में मानव तस्करी रोधी इकाई, क्षेत्रक मुख्यालय बेतिया, एसएसबी कार्यालय 47 वीं वाहिनी रक्सौल, मिशन मुक्ति फाउंडेशन, रेस्क्यू फाउंडेशन दोनों दिल्ली, चाइल्ड लाइन, बेतिया, महिला थाना, बेतिया, एएचटीयू पुलिस, बेतिया, बाल कल्याण समिति, बेतिया और स्थानीय लौरिया थाना शुक्रवार के सुबह लगभग 08:30 बजे संयुक्त कार्यवाही ब्यासपुर चौक स्थित डायमंड म्युजिक ग्रूप और मां शक्ति ग्रूप आर्क्रेस्टा पर छापेमारी की गई। जहाँ छापेमारी की भनक लगते ही संचालक तो फरार हो गए परन्तु दोनों आर्क्रेस्टा से 13 नाबालिग बच्चियों को टीम ने सुरक्षित अभिरक्षा में लेकर उन्हें मुक्त कराया।
मुक्त नाबालिग बच्चियों ने बताया कि सभी को अधिक पैसों का लालच देकर लाया गया। और अब उन्हें बंधक बनवा कर कम पैसा देकर जबरन विभिन्न विवाह, कार्यक्रम में जबरन नचवाया जाता है। उन्हें मारपीट कर अश्लील डांस के लिए दबाव भी बनाया जाता है। निकलने का रास्ता नहीं मिल पाने की वजह से मजबूरी में वो इन नाच को करने को मजबूर थी। आर्क्रेस्टा से मुक्त नाबालिग बच्चियां ना सिर्फ बिहार के अन्य जिलों की हैं बल्कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब की भी हैं। 13 बच्चियों में 10 पश्चिम बंगाल, 1 उत्तर प्रदेश, 1 पंजाब और 1 गोपालगंज (बिहार) की हैं।
वहीं पूरे मामलों को लेकर बेतिया चाइल्ड लाइन की सदस्या रौशन आरा ने अपना लिखित आवेदन देकर कार्यवाही और प्राथमिकी दर्ज करवाया है। जिसमें आर्क्रेस्टा संचालक रंजीत ठाकुर, उम्र 28 वर्ष, पिता भोला शर्मा, मझुअरा, बीबी बनकटवा बघा, वार्ड नम्बर 7, पश्चिम चम्पारण, राजू उम्र 30 वर्ष और मुस्कान उम्र 40 वर्ष को नामजद किया है। जिसके उपरांत लौरिया थाना ने प्राथमिकी संख्या भारतीय दंड संहिता, पास्को एक्ट, लेबर एक्ट के तहत 364/22 दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
छापेमारी टीम में एसएसबी इंस्पेक्टर मनोज शर्मा, मुक्ति फाउंडेशन के बीरेन्द्र कुमार सिंह, रेस्क्यू फाउंडेशन के अक्षय पांडेय, महिला थाना से अवर निरीक्षक सुधा कुमारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आदित्य कुमार, सदस्य अजय कुमार, लौरिया थानाध्यक्ष कैलाश प्रसाद के साथ अन्य टीमों के अधिकारी और सशस्त्र पुलिस बल शामिल रहें।