संवाददाता: साबिर अली
रामनगर नगर परिषद में अधिकांश नर्सिंग होम और अस्पताल बिना नक्शा पास कराये बने हैं। शहर में अवैध नर्सिंग होम के छापेमारी के बाद जांच में यह खुलासा हुआ है। नियम के अनुसार नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों का स्वीकृत नक्शा बनाने के बाद ही इसका लाइसेंस जारी किया जाता है। लेकिन रामनगर नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 18 से 20 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम चल रहा है। इन नर्सिंग होम और अस्पतालों का कोई भी नक्शा नगर परिषद से पास नहीं हुआ है। बतादें
अवैध निर्माण के मामले में फर्जी अस्पतालों के भवनों के स्वामियों को नगर परिषद ने नोटिस निर्गत किया है। इसके तहत अवैध रूप से संचालन के मामले में पकड़े गए अस्पताल व नर्सिंग होम भवनों के स्वामियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
7 दिनों के अंदर नक्शा और उन कागजातों को करें जमा
नगर परिषद के द्वारा नोटिस के माध्यम से सात दिनों के अंदर इन अस्पताल भवनों के स्वामियों से भवन निर्माण से सबंधित पास नक्शा व अन्य कागजातो की मांग की गई है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी ने बताया कि बीते दिनों हुए छापेमारी में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यह कारवाई की जा रही है। जिसके तहत प्राथमिकी की कॉपी लेकर इन अस्पताल संचालको को नोटिस निर्गत कर कागजात की मांग की जा रही है। जांचोपरांत इनके विरुद्ध बिहार बिल्डिंग बायलॉज के तहत जुर्माना वसूलने की करवाई की जाएगी। वही नियम संगत निर्माण नहीं पाए जाने पर बिल्डिंग के सबंधित हिस्से को गिराने की कारवाई की जाएगी। ईओ ने कहा कि बंद भवनों के सामने नोटिस चस्पा करने का निर्देश दिया गया है। बीते महीनों में नगर में आधा दर्जन अवैध नर्सिंग होम अमायरा नर्सिंग होम,ओम साई नर्सिंग होम, अमन अस्पताल,शिवांगी इमरजेंसी हॉस्पिटल,संजीवनी हेल्थ केयर व सिटी इमरजेंसी हॉस्पिटल ट्रामा सेन्टर शामिल है।
मरीजों के जान से हो रहा खिलवाड़
अधिकतर नर्सिंग होम व निजी अस्पताल मानक के अनुरूप नहीं हैं। इस कारण ऐसे नर्सिंग होम मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं। अधिकांश नर्सिंग होम में पार्किंग नहीं है, आग बुझाने के लिए पानी का टैंक आदि पर्याप्त इंतजाम नहीं है। मानक के अनुरूप मरीजों को लिटाने की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाता है तो इससे मरीजों की जान का खतरा रहता है।