इसका उद्देश्य राज्य में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं के प्रति आमजन में जागरूकता उत्पन्न करना एवं योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना है। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के बेहतर प्रबंधन एवं अन्य विभागों से समन्वय हेतु जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में सम्बद्ध विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी / सलाहकार एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी/सलाहकार के साथ बैठक करेंगे। प्रखंड स्तर पर भी प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में ऐसी ही बैठक होगी इन बैठकों में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
- पखवाड़ा को सफल बनाने हेतु ये गतिविधियाँ की जाएगी
पखवाड़ा को सफल बनाने हेतु जनप्रतिनिधियों क़ो सहयोग हेतु प्रेरित किया जाएगा। प्रचार-प्रसार हेतु प्रिंट एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं मीडिया चैनलों से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार द्वारा उपलब्ध कराये गये फ्लेक्स बैनर के माध्यम से सभी स्वास्थ्य संस्थान एवं जन समुदाय में इसका प्रचार किया जायगा।
- पहले बच्चे में देरी, दो बच्चों के बीच अंतर की जानकारी होनी जरूरी
डीसीएम नंदन झा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु लोगों को सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, दो बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन को जागरूक किया जाएगा। माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत् प्रदान की जाने वाली सेवा यथा- कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई/ एमपीए बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- जनसंख्या पर रोक हेतु जागरूकता है जरूरी
पीएसआई इंडिया के जिला समन्वयक अमित कुमार ने बताया कि जिले में जनसंख्या नियंत्रण हेतु जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में महिला बंध्याकरण व पुरुष नसबन्दी कराई जाती है। महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया सरल है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम को तोड़ना होगा। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुष को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए की प्रोत्साहन की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है। बेहतर प्रदर्शन करने वालों स्वास्थ्य कर्मियों व स्वास्थ्य केंद्रों क़ो पुरस्कृत किया जाता है।