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मोतिहारी:-मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के माध्यम से चुनावी साजिश के तहत कांग्रेस और महागठबंधन के समर्थक वोटरों को मताधिकार से वंचित करने की साज़िश – ई. गप्पू राय, अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमिटी।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह पूरी प्रक्रिया दरअसल कांग्रेस पार्टी और महागठबंधन के परंपरागत समर्थक वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करने की गहरी साजिश है। विशेषकर बिहार जैसे राज्यों में जहाँ गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक और मजदूर वर्ग कांग्रेस व महागठबंधन का मुख्य जनाधार हैं – उन्हें दस्तावेजों के जटिल जाल में फँसाकर मतदान से वंचित करने की कोशिश की जा रही है।
जिलाध्यक्ष ई. गप्पू राय के वक्तव्य के मुख्य बिंदु चुनावी लोकतंत्र पर हमला
जिस तरह से राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्यप्रदेश में भाजपा और एनडीए ने फर्जी मतदाता सूची, आधार सत्यापन की मनमानी, और दस्तावेज़ी बाधाओं के ज़रिए जनमत को प्रभावित किया अब वही षड्यंत्र बिहार में दोहराया जा रहा है।
गठबंधन के वोटरों को निशाना
स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में कांग्रेस और महागठबंधन को मज़बूत जनसमर्थन है, वहीं के मतदाताओं को सूची से बाहर करने की शिकायतें सबसे अधिक हैं।
विकास के बदले चालबाज़ी:
भाजपा को जनता से कोई सकारात्मक वोट नहीं मिल रहा है, इसलिए अब सूची से नाम काटकर ही जीत की तैयारी कर रही है।बिहार की अस्मिता पर हमला
लाखों बिहारी प्रवासी मजदूर, छात्र, गरीब महिलाएं जो दस्तावेज़ों से वंचित हैं – उन्हें जानबूझकर बाहर किया जा रहा है। ये सिर्फ़ वोटर नहीं, बिहार की पहचान और ताक़त हैं।
जिला कांग्रेस की माँगें निर्वाचन आयोग इस पूरे अभियान को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए, वरना यह जनता के बीच में उसका विश्वास खो देगा। दस्तावेज़ों की वैधता की सूची को लचीला और जनसुलभ बनाया जाए। कांग्रेस और महागठबंधन समर्थक क्षेत्रों में विशेष पुनरीक्षण टीम भेजी जाए ताकि साजिश उजागर हो सके। यदि मतदाता वंचना का यह खेल नहीं रोका गया, तो कांग्रेस कार्यकर्ता हर गली, हर पंचायत में जनांदोलन चलाएंगे।आम जनता से अपील ई. गप्पू राय ने बिहार के हर नागरिक से अपील की है कि वे अपने वोट के अधिकार को बचाने के लिए सतर्क रहें, दस्तावेज़ तैयार रखें, और स्थानीय कांग्रेस टीम से संपर्क करें। यह केवल चुनाव नहीं, हमारे संविधान, हमारे अधिकार और हमारे भविष्य की लड़ाई है।