मोतिहारी//THE ROYAL NEWS
जिले के सभी 27 प्रखंडों में फाइलेरिया रोग के प्रसार दर का पता लगाने के लिए जल्द ही नाइट ब्लड सर्वे (रात्रि रक्तपट्ट संग्रह) शुरू किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड में एक सेंटिनल (स्थायी) और एक रैंडम (अस्थायी) साईट का चयन कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे को लेकर व्यापक तैयारी में जुटी है।
नाइट ब्लड सर्वे क्यों जरूरी?
डीभीडीसीओ डॉ. शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे में प्रत्येक साईट पर कम से कम 300 सैंपल एकत्र किए जाते हैं। सर्वे रात में 8:30 बजे से 12 बजे के बीच ही किया जाता है, क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी इसी समय रक्त में सक्रिय होते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 6472 फाइलेरिया के चिन्हित मरीज हैं। कई मरीज स्वस्थ दिखने के बावजूद संक्रमित पाए जाते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्कूल व समुदाय स्तर पर चल रहा जागरूकता अभियान
चिरैया, मधुबन, संग्रामपुर और चकिया प्रखंडों में सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और रोगी हित धारक मंच के सदस्य फाइलेरिया रोकथाम को लेकर जन-जागरूकता कर रहे हैं।
चिरैया प्रखंड के अम्बरिया आयुष्मान आरोग्य मंदिर के पास ग्रामीणों और विद्यालय में स्वास्थ्य कर्मियों ने—
हाथी-पाँव के लक्षण
फाइलेरिया के कारण और बचाव
नाइट ब्लड सर्वे की प्रक्रिया
10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान प्रधानाध्यापक विजय प्रकाश आर्या, सीएचओ अनुष्का भारती, चमही की सीएचओ फूल कुमारी, फाइलेरिया मरीज एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।


