संवाददाता: साबिर अली
पश्चिम चम्पारण के बेतिया मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पूर्वी करगहीया मंशा टोला जो कि अब वर्तमान में नगर निगम वार्ड 32 हो चुका है वहाँ से शराब बंदी की धज्जियाँ उड़ती हुई विडियो वायरल हो रही है। जहाँ एक पीडीएस डीलर खुले आम विदेशी शराब की बोतल से पीते हुए नर्तकियों के नाच का मनोरंजन लेते देखे जा रहे हैं। डीलर को ना स्थानीय पुलिस प्रशासन का खौफ है और ना ही बिहार शराब के शराबबंदी कानून का । हालांकि इस विडियो से बिहार के शराबबंदी का काला सच सामने आ गया है। सरकार जहाँ गुणगान कर रही है वहाँ शराब का खुलेआम दौर चल रहा है। ऐसे में सरकार की शराबबंदी की पोल तो खुल ही गई है स्थानीय प्रशासन पर भी शराबबंदी को लेकर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
जब वायरल विडियो की पड़ताल की गई तो पता चला कि मंशा टोला के नेहाल खान के घर शादी है जिसके पूर्व बुधवार की रात मनोरंजन व रतजगा करने के लिए नाच और गाना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें नाबालिग लड़कियों को ना सिर्फ गानों पर थिरकाया गया बल्कि शराब का भी खुल्लमखुला दौर चलता दिखा। मंशा टोला के स्थानीय पीडीएस डीलर सम्फराज हुसैन उर्फ शेख मुन्ना पिता सफायात हुसैन उर्फ शेख भोला खुलेआम नर्तकियों के नाच का मजा लेते रहें और हाथों में विदेशी शराब की बोतल लेकर पीते रहें। वहीं अपने पैसों की हनक व तेवर को दिखाने से पीछे नहीं हुए और नर्तकियों को मुंह से रुपया दबाकर देते रहें। इस दौरान ना ही उन्हें शराबबंदी कानून और स्थानीय प्रशासन का डर दिखा और ना ही पसीना छूटा।
हालांकि सूत्र बताते हैं कि उस महफिल की शान कई शराब कारोबारी व माफिया भी रहें। जिनमें कई एक तो शराब के मामलों में जेल भी जा चुके हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि कुछ माह पूर्व मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पर हमला इन्हीं डीलर के पुत्र द्वारा की गई थी जिसमें उनका सिर फुट गया था परन्तु एक पीडीएस डीलर से भी ज्यादा अपनी पहुंच और पैसों के दबदबा से पुलिस पर हमला करने के बाद भी पुलिस से ही क्लीन चीट ले लिया। जिसकी चर्चाएं भी पूरे गाँव में होती है। और इसी कारण से एक पीडीएस डीलर को लोग दबंग समझते हैं और अपना मुंह बंद रखते हैं।
अब स्थानीय जनता यह देखना चाहती है कि पुलिस व प्रशासन शराबबंदी को तोड़ने वाले डीलर शेख मुन्ना पर क्या कार्यवाही करती है? सरकार के सरकारी दुकानदार सरकार के ही शराबबंदी की धज्जियाँ उड़ाने की कोशिश कर रहें हैं तो क्या सरकार भी कोई ऐसा कार्यवाही करेगी जिससे अपनी धज्जियाँ उड़ती शाख को बचा सकें और भविष्य में आम से खास तक ऐसी हिमाकत नहीं कर सकें। ऐसी ना जानें कितनी अटकलों के साथ नगर का बाजार गर्म हो गया है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो नए महागठबंधन की सरकार में कुछ भी संभव हो सकता है और प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करने मात्र की भूमिका दिखा सकती है।
इस वायरल विडियो ने यह सच दिख दिया है कि शराबबंदी में शराब दिखती कहीं नहीं है पर मिलती सभी जगहों पर है। यदि आम व गरीब जनता पीएगी तो जेल जाएगी और दबंग व खास पीएंगे तो मेल व बेल हो जाएगा।