सुगौली/अमरुल आलम
मोतिहारी, शब-ए-बरात का त्यौहार गुरुवार की रात को धूमधाम से मनाया गया। तमाम मस्जिद और कब्रिस्तानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। मस्जिद और कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों की कब्रो पर गुनाहों की माफी मगफिरत की दुआ मांगने के लिए भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय की भीड़ जुटी रही। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सभी कब्रिस्तानों के कब्रो पर अगरबत्ती और मोंमबतिया जलाया। आपको बता दे की शब-ए-बरात की रात को इबादत की रात भी कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए यह प्रमुख त्यौहार माना जाता है। इस त्यौहार के अवसर पर गांव मुहल्ले के चौक चौराहे से लेकर घर, मस्जिद एवं कब्रिस्तान में विशेष रूप से साफ सफाई के साथ रोशनी की व्यवस्था की गई थी। इस्लामिक कलेंडर के मुताबिक रमजान से पहले शबान महीने के 14वी एवं 15वी
तारीख को यह त्यौहार मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शबे बरात की रात इबादत करने वालों की सारी गुनाह माफ हो जाती है। तथा इस रात सच्चे मन से लेख मांगी गई सभी जायज मुराद भी पूरी होती है। शबे बरात के मौके पर मुस्लिम भाई दो दिन का रोजा रखने के साथ पूरी रात अल्लाह के इबादत में गुजारते हैं। तथा कब्रिस्तान में जाकर अपने पूर्वजों रिश्तेदारों के कब्र पर फातेहा पढ़कर उनके गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगते हैं।मस्जिद के साथ- साथ घरों में भी कुरान की तिलावत पूरी रात की गई। वहीं तमाम मुस्लिम इलाकों में घरों में रात भर छोटे बड़े बुजुर्ग कुरान शरीफ एवं नमाज पढ़ते देखें गए और महिलाएं कुरान शरीफ की तिलावत करती रही। वही इस अवसर पर सिब्बी फातमा,नाजिया प्रवीण,आयशा प्रवीण,सिम्मी फातमा,सिमरन,फातमा, सना फातमा,रेहान अली, मो.इमरान, मो.परवेज,अब्दुला कादिर,मंजूर आलम,अब्दुल रऊफ,सोनू ,शादाब आलम ने बताया कि हम लोग शब ए बरात की पूरी रात कुरान की तिलावत करते है । इस अवसर पर चने का हलवा और विशेष तरह के व्यंजन भी पकाए जाते है। सुरक्षा के मद्दे नजर देखते हुए एसपी स्वर्ण प्रभात द्वारा शब-ए-बारात पर्व को शांतिपूर्वक एवं सौहाद्रपूर्ण वातावरण में मनाने हेतु भ्रमण कर सदर कब्रिस्तान का जायजा लिया